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40 हजार प्राइवेट स्कूलों को नोटिस, सरकार ने दिए नए निर्देश School Alert

देशभर के 40 हजार प्राइवेट स्कूलों को सरकार ने एक साथ नोटिस भेजकर चेतावनी दे दी है। अब स्कूलों को मान्यता, फीस और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जवाब देना होगा वरना हो सकती है मान्यता रद्द! क्या आपका बच्चा भी ऐसे ही स्कूल में पढ़ रहा है? पूरी रिपोर्ट जानने के लिए आगे पढ़ें

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40 हजार प्राइवेट स्कूलों को नोटिस, सरकार ने दिए नए निर्देश School Alert
40 हजार प्राइवेट स्कूलों को नोटिस, सरकार ने दिए नए निर्देश School Alert

देशभर के लगभग 40 हजार प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) को सरकार द्वारा नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस शिक्षा मंत्रालय और राज्य शिक्षा विभागों की ओर से संयुक्त रूप से भेजा गया है, जिसमें स्कूलों द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर जवाब मांगा गया है। इस कदम को School Alert के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें स्कूलों को नए दिशा-निर्देशों (New Guidelines) का पालन करने का आदेश दिया गया है। सरकार का यह फैसला शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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क्यों जारी किए गए हैं 40 हजार स्कूलों को नोटिस?

सरकार द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि देशभर में हजारों निजी स्कूल ऐसे हैं जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं, फिर भी वे वर्षों से संचालित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, कई स्कूल शिक्षा के अधिकार कानून (RTE Act) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, कुछ स्कूल छात्रों से अनुचित रूप से अधिक शुल्क वसूल रहे हैं, जबकि कुछ ने शिक्षक नियुक्तियों, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेफ्टी मापदंडों में लापरवाही दिखाई है। इसीलिए सरकार ने सख्ती दिखाते हुए इन सभी स्कूलों को नोटिस भेजा है और जवाब मांगा है।

सरकार ने जारी किए नए निर्देश

नोटिस के साथ सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के लिए कुछ सख्त निर्देश भी जारी किए हैं। इनमें से प्रमुख निर्देश हैं:

  • सभी स्कूलों को आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले अपनी मान्यता (Recognition) की स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
  • स्कूलों को अपनी फीस संरचना (Fee Structure) और अन्य शुल्क सार्वजनिक रूप से वेबसाइट पर डालने होंगे।
  • छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए CCTV कैमरे, फायर सेफ्टी, मेडिकल सुविधा जैसी व्यवस्थाओं को अनिवार्य किया गया है।
  • प्रत्येक स्कूल को राज्य शिक्षा बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार शिक्षक नियुक्त करने होंगे और उनकी योग्यता का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।

शिक्षा मंत्रालय की कड़ी निगरानी

Ministry of Education ने स्पष्ट किया है कि इन नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। मंत्रालय का कहना है कि बच्चों के शिक्षा अधिकार से कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

राज्यों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट करें और नियमित निरीक्षण की प्रक्रिया को अपनाएं।

डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम की योजना

सरकार अब एक डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम विकसित कर रही है, जिसके जरिए हर प्राइवेट स्कूल की जानकारी एक केंद्रीकृत पोर्टल पर उपलब्ध होगी। इस पोर्टल में स्कूल की मान्यता, फीस, शिक्षक की जानकारी, रिजल्ट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिकायतों की स्थिति जैसे विवरण होंगे। इससे पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और अभिभावकों को सही जानकारी प्राप्त होगी।

शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में बड़ा कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह न सिर्फ छात्रों के हितों की रक्षा करेगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को भी सुधारने में सहायक होगा। साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी स्कूल मनमानी न कर सके।

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सामाजिक प्रतिक्रिया

अभिभावकों और शिक्षा क्षेत्र के जानकारों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। कई लोगों का कहना है कि इससे उन्हें स्कूलों की वास्तविक स्थिति के बारे में जानने में मदद मिलेगी और वे बच्चों के लिए सही स्कूल चुन सकेंगे।

वहीं, कुछ प्राइवेट स्कूल संगठनों ने इसे स्कूलों पर अत्यधिक दबाव डालने वाला कदम बताया है और सरकार से इस मामले में संवाद करने की अपील की है।

School Alert
Author
News Desk

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