
दिल्ली में घर या किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले अब एक नया नियम लागू हो गया है। दिल्ली सरकार ने निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण (Dust Pollution) को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। इसके तहत अब निर्माण कार्य शुरू करने से पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control Committee – DPCC) के डस्ट पॉल्यूशन कंट्रोल पोर्टल पर निर्माण स्थल का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। यदि इस नियम का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित व्यक्ति या संस्था पर चालान (Challan) लगाया जाएगा।
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DPCC पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने घोषणा की है कि अब दिल्ली नगर निगम (MCD), नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड (DCB) केवल उन्हीं निर्माण योजनाओं को मंजूरी देंगे, जिनके निर्माण स्थल DPCC के डस्ट पॉल्यूशन कंट्रोल पोर्टल पर पंजीकृत होंगे। यह नियम 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले सभी निर्माण और विध्वंस (Construction and Demolition – C&D) परियोजनाओं पर लागू होगा।
स्व-मूल्यांकन और निगरानी की व्यवस्था
DPCC के आदेश के अनुसार, परियोजना प्रायोजकों को निम्नलिखित उपाय करने होंगे:
- स्व-मूल्यांकन (Self-Assessment): निर्माण स्थल पर धूल नियंत्रण उपायों का स्व-मूल्यांकन करना होगा और प्रत्येक दो सप्ताह में स्व-घोषणा (Self-Declaration) पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
- 360-डिग्री वीडियो निगरानी: निर्माण स्थल पर 360-डिग्री ‘पैन, टिल्ट और जूम’ वीडियो निगरानी प्रणाली स्थापित करनी होगी, जो दूरस्थ रूप से जुड़ी हो।
- पार्टिकुलेट मैटर सेंसर: निर्माण स्थल पर कम लागत वाले पार्टिकुलेट मैटर (Particulate Matter – PM) सेंसर स्थापित करने होंगे।
- डस्ट नियंत्रण दिशानिर्देश: सभी निर्माण स्थलों पर 14-बिंदु डस्ट नियंत्रण दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा, और DPCC पोर्टल पर पंजीकरण आईडी वाला बोर्ड स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा, चाहे स्थल का क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर से कम ही क्यों न हो।
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उल्लंघन पर चालान और जुर्माना
यदि कोई निर्माण स्थल इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो DPCC की निगरानी प्रणाली के माध्यम से स्वचालित रूप से नोटिस जारी किए जाएंगे। तीन बार नोटिस मिलने के बाद भी यदि सुधार नहीं किया गया, तो संबंधित व्यक्ति या संस्था पर चालान लगाया जाएगा। NDMC ने हाल ही में धूल प्रदूषण के उल्लंघन पर 50,000 रुपये के 30 चालान जारी किए हैं, जिससे कुल 15 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
धूल प्रदूषण का प्रभाव और सरकार की योजना
पर्यावरण मंत्री सिरसा ने बताया कि इस समय दिल्ली की वायु गुणवत्ता में धूल प्रदूषण का योगदान लगभग 33% है। इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। भविष्य में यह नियम 200 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले निर्माण स्थलों पर भी लागू किया जाएगा।