
गौरखपुर लिंक एक्ससप्रेव (Gorakhpur Link Expressway) का सपना अब साकार होने जा रहे है। यह 91.35 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड हाइवे न केवल पूर्वांचाल को राजधानी लखनऊ से जोड़ने का कार्य करेगा,बल्कि क्षेत्रीय विकास,औद्योगीकरण और ढांचागत विस्तार की नींव को भी मजबूत देगा। इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश (UP) सरकार ने 4 जिलों के 142 गांवों के 22,209 किसानों को उनकी जमीनों के बदले ₹2030.29 करोड़ रुपये का प्रतिकर भुगतान किया है।
चार जिलों की 1148.77 हेक्टेयर जमीन ने दी विकास को रफ्तार
इस गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए गोरखपुर,संतकबीरनगर,अंबेडकरनगर और आजमगढ़ जिलों के 172 गांवों से कुल 1148.77 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही, जिसमें सरकार ने सीधे (DBT Direct Benefit Transfer) के माध्यम से किसानों को भुगतान अदा किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति मे राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी किसान को प्रतिकार राशि देने में कोई देरी या भेदभाव न हो। यही वजह है कि इस परियोजना से जुड़ी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को किसानों ने भी खुले मन से स्वीकार किया और राज्य सरकार के प्रति अपना विश्वास प्रकट किया जाता है।
जिलोवार भुगतान का विवरण
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की सफलता में चार जिलों के किसानों की अहम भूमिका रही है। गोरखपुर जिले के 88 गांवों से 570.73 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई, जिसके लिए 12,935 किसानों को ₹1248.28 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला।संतकबीरनगर जिले के 4 गांवों से 20.91 हेक्टेयर भूमि ली गई और इसके लिए 422 किसानों को ₹15.26 करोड़ का भुगतान किया गया।
अंबेडकरनगर जिले के 37 गांवों से 297.88 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की गई, जिससे जुड़े 4741 किसानों को ₹438.04 करोड़ की प्रतिकर राशि प्रदान की गई। वहीं आजमगढ़ जिले के 43 गांवों से 259.25 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई, और इससे जुड़े 3931 किसानों को ₹328.71 करोड़ का भुगतान हुआ।
योगी सरकार ने जताया किसानों के योगदान को सम्मान
भूमि देने वाले किसानों के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सिर्फ आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी किया है। जनवरी 2020 में जब इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हुआ, तब गोरखपुर के गीडा क्षेत्र में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 500 किसानों को सम्मानित किया था। इसमें से 40 किसानों को खुद सीएम ने अपने हाथों से प्रशस्ति पत्र देकर उनका आभार प्रकट किया था।
सीएम योगी कई बार अपने भाषणों में यह दोहरा चुके हैं कि किसान न सिर्फ अन्नदाता हैं, बल्कि वह राज्य के विकास पथ के मजबूत आधार हैं।
यह भी पढें-PM Kisan 20th Kist Update: पीएम किसान की 20वी किस्त ₹4000 खाते में भेजे गए, लिस्ट चेक करें
पूर्वांचल की नई लाइफलाइन बनेगा गौरखपुर का हाइवे
इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद गोरखपुर से लखनऊ की दूरी मात्र साढ़े तीन घंटे में तय की जा सकेगी। साढ़े सात हजार करोड़ रुपये की लागत से बने इस हाई-स्पीड कॉरिडोर से पूर्वांचल के चार बड़े जिलों में औद्योगिक निवेश, व्यापार और कृषि से जुड़ी गतिविधियों को गति मिलेगी।
यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर लखनऊ, वाराणसी और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों तक आसान और सुरक्षित कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
सरकार की पूंजी बनी किसानों का भरोसा
किसानों ने बिना किसी बड़े विरोध या आंदोलन के इस परियोजना के लिए अपनी भूमि देकर सरकार के प्रति विश्वास का उदाहरण प्रस्तुत किया। जहां कहीं भी कोई असंतोष या तकनीकी विवाद सामने आया, सरकार ने खुले फोरम में समाधान किया और संबंधित किसानों को संतुष्ट किया।
यह अपने आप में एक मिसाल है कि जब सरकार नीयत साफ रखती है और प्रक्रिया पारदर्शी होती है, तो विकास में जनसहभागिता अपने आप सुनिश्चित हो जाती है।
20 जून लोकपर्ण आयोजन मे फिर सम्मानित किए जाएंगे किसान
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण शुक्रवार 20 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर-कमलों द्वारा होगा। इस अवसर पर एक बार फिर से किसानों के योगदान को मंच से सराहा जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस ऐतिहासिक दिन पर मुख्यमंत्री एक नई विकास गाथा का शंखनाद करेंगे।