एयर इंडिया हवाई जहाज हादसे के बाद भारत सरकार ने नागरिक विमानन सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। जैसा की आप सभी जानते हैं, हाल ही में अहमदाबाद मे हुए हालिया एयर क्रैश के बाद नागरिक विमानन मंत्रालय ने भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 मे कुछ जरूरी बदलाव करते हुए नए एयरक्राफ्ट रूल (2025 Aircraft Rule 2025) लागू कर दिया गया है। जिसके तहत अब देशभर के सभी एयरपोर्ट-(AIRPORT) के आसपास आने वाले मकानों, इमारतों और यहां तक कि पेड़ों को भी काटकर हटाया जा सकता है। अगर वे विमान संचालन की सुरक्षा में बाधा बनते है।

आधिक जानकारी के लिए बता दे की इस नई व्यवस्था की जानकारी मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना (Notification) के जरिए से दी गई है, इसलिए इसे सभी राज्यों और जिलों के कलेक्टरों तथा कुछ आस-पास के रिलेटिड हवाईअड्डा अधिकाइयों को भेजा गया है।
एयरपोर्ट के पास बने घरों पर रोक क्यों लगाई गई है?
इस सूचना से यह साफ बताया गया है, कि एयरपोर्ट के चारों ओर एक एयरोड्रोम Aerodrome Area घोषित किया गया है। इस क्षेत्र मे आने वाले किसी भी प्रकार के कार्य चाहे वह बिल्डिंग हो,टावर, दीवार, या कोई पेड़ अगर वह हवाई जहाज के उड़ान मार्ग या सुरक्षा को प्रभावित करता है, तो उसे हटाना आवश्यक होगा।
इसके अलावा इस कारवाई से पहले सबंधित निर्माण के मालिक को 60 दिन का नोटिस दिया जाएगा। इस नोटिस मे साफ तौर पर बताया होगा, की लिमिटेड समय सीमा के भीतर निर्माण को अपनी मर्जी से हटा लिया जाए, वरना इन नियमों के तहत कारवाई भी की जा सकती है।
यह भी पढें-जहाज के पंखों में क्यों भरा जाता है फ्यूल? वजह जानकर उड़ जाएंगे होश, क्या आप जानते थे?
नोटिस मिलने के बाद क्या कर सकता है मालिक
अगर आपका मकान या पेड़ एयरपोर्ट की तय परिधि में आता है और आपको नोटिस प्राप्त होता है, तो आपको 60 दिनों के भीतर संबंधित निर्माण या पेड़ को हटाना होगा। नोटिस की अवधि पूरी होने के बाद भी अगर निर्माण नहीं हटाया गया, तो एयरपोर्ट प्रशासन उसे खुद हटाने के लिए अधिकृत होगा।
हालांकि यह भी प्रावधान किया गया है कि मकान मालिक या निर्माणकर्ता नोटिस का विरोध दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने समर्थन में दस्तावेजों के साथ 1000 रुपये शुल्क के साथ अपील करनी होगी।
अपील करने का तरीका और आपका अधिकार
अगर नोटिस पर किसी व्यक्ति को आपत्ति है, तो वह प्रथम अपीलीय अधिकारी या द्वितीय अपीलीय अधिकारी के पास अपील दर्ज कर सकता है। अपील दर्ज करने के लिए लिखित आवेदन के साथ आवश्यक साक्ष्य और शुल्क जमा करना होगा। अगर अपील खारिज हो जाती है, तो संबंधित मकान को छोटा किया जा सकता है या उसे हटाया जा सकता है।
DGCA क्या और कैसे काम करता है
नए नियमों के तहत एयरपोर्ट के अधिकारी किसी भी संदिग्ध निर्माण या पेड़ की जांच करेंगे। वे मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे और इसकी लिखित रिपोर्ट नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) को भेजेंगे। इसके बाद DGCA अंतिम निर्णय लेगा कि उस निर्माण को हटाया जाए या नहीं।
यदि DGCA को लगता है कि किसी मकान या पेड़ को हटाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है, तो वह नोटिस की अवधि को 60 दिन तक बढ़ा सकता है।
हादसे के बाद क्यों सख्त हुई निगरानी व्यवस्था
एयर इंडिया के हालिया हादसे ने विमानन मंत्रालय को नियमों की समीक्षा करने के लिए बाध्य किया। इसके बाद ही यह निर्णय लिया गया कि एयरपोर्ट के आसपास की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्माण कार्यों की निगरानी और नियंत्रण आवश्यक है।
इस कदम को विमान सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि विमान के टेकऑफ और लैंडिंग के समय किसी भी बाधा की वजह से दुर्घटना की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
क्या आपके घर पर भी है असर?
अगर आपका घर या संपत्ति किसी एयरपोर्ट के निकट है, तो इस अधिसूचना का आप पर भी प्रभाव पड़ सकता है। सरकार द्वारा बनाए गए नए मानकों के आधार पर आपका घर एयरोड्रोम क्षेत्र में आता है या नहीं, यह स्थानीय एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा किया गया निरीक्षण तय करेगा।
इसलिए यह जरूरी है कि यदि आपको इस प्रकार का कोई नोटिस प्राप्त होता है, तो आप तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें और अपनी स्थिति स्पष्ट करें।