
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के चलते राज्य सरकार ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव विशेष रूप से कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए लागू किया गया है, जिससे उन्हें अत्यधिक गर्मी से बचाया जा सके।
यह भी देखें: उत्तर भारत में इस तारीख को पहुंचेगा मानसून, मौसम विभाग ने जारी किया नया अपडेट Monsoon Alert
नए स्कूल समय का विवरण
शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय सुबह 7:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक संचालित होंगे। छात्रों की उपस्थिति सुबह 7:30 से दोपहर 12:30 बजे तक अनिवार्य होगी। इस दौरान सुबह 7:30 से 7:40 बजे तक प्रार्थना सभा और योगाभ्यास होगा, जबकि 10:00 से 10:15 बजे तक मध्याह्न अवकाश रहेगा। शिक्षकों और अन्य स्टाफ को सुबह 7:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक विद्यालय में उपस्थित रहना होगा ।
जिलावार समय में बदलाव
राज्य के विभिन्न जिलों में स्थानीय प्रशासन ने तापमान और मौसम की स्थिति को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया है:
- आगरा: कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूल सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक संचालित होंगे ।
- अमेठी और प्रतापगढ़: स्कूलों का संचालन सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किया जाएगा ।
- लखनऊ: कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूल सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक चलेंगे ।
- बरेली: परिषदीय स्कूलों का संचालन सुबह 7:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक होगा, जबकि छात्रों की उपस्थिति दोपहर 12:30 बजे तक अनिवार्य होगी ।
यह भी देखें: गुरुग्राम से खाटू श्याम अब होगा आसान! हरियाणा में जल्द शुरू होगी एयर टैक्सी कनेक्टिविटी Haryana Air Taxi Service
गर्मी की छुट्टियों की घोषणा
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (UPBEB) ने 20 मई 2025 से 15 जून 2025 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की है। यह अवकाश सभी परिषदीय, मान्यता प्राप्त और परिषद के अधीन संचालित स्कूलों में लागू होगा। स्कूल 16 जून 2025 से पुनः खुलेंगे और नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होगा ।
छात्रों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश
बढ़ती गर्मी और लू के प्रभाव को देखते हुए शिक्षा विभाग ने निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- स्कूलों में छांव और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- आउटडोर (बाहरी) गतिविधियां नहीं कराई जाएं।
- छात्रों को सिर ढकने और हल्के कपड़े पहनने के लिए प्रेरित किया जाए।
- विद्यालयों में ओआरएस घोल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।