
उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने 92 किलोमीटर लंबे फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे-Farrukhabad Link Expressway के निर्माण को मंजूरी दी है। यह एक्सप्रेसवे चार प्रमुख जिलों—इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और हरदोई—से होकर गुजरेगा, जिससे इन क्षेत्रों की कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
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परियोजना का उद्देश्य और महत्व
फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य गंगा एक्सप्रेसवे-Ganga Expressway और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे-Agra-Lucknow Expressway को जोड़ना है। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे-Bundelkhand Expressway और यमुना एक्सप्रेसवे-Yamuna Expressway से भी संपर्क स्थापित करेगा, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा समय में कमी आएगी और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रभावित जिले और गांव
यह एक्सप्रेसवे इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और हरदोई जिलों से होकर गुजरेगा। परियोजना के तहत लगभग 35 गांव सीधे प्रभावित होंगे, जिनमें शाहजहांपुर, सीतापुर और नेपाल सीमा के पास के क्षेत्र भी शामिल हैं। यह एक्सप्रेसवे इन क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
फर्रुखाबाद जिले में वर्तमान में कोई प्रमुख एक्सप्रेसवे नहीं है, जिससे वहां की औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों को भी अपने उत्पादों को अन्य राज्यों में आसानी से पहुँचाने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे बाढ़ प्रभावित गांवों के लिए भी राहत प्रदान करेगा, क्योंकि यह गंगा नदी के किनारे बसे गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
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धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक आसान पहुँच
यह एक्सप्रेसवे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल नीम करौली धाम-Neem Karoli Dham तक सीधी पहुँच प्रदान करेगा, जिससे श्रद्धालुओं के लिए यात्रा सुगम होगी। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे आगरा और चित्रकूट जैसे पर्यटन स्थलों को भी जोड़ता है, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
निर्माण की स्थिति और भविष्य की योजनाएँ
परियोजना के लिए ड्रोन सर्वेक्षण पहले ही पूरा किया जा चुका है, और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। इसके निर्माण से न केवल स्थानीय निवासियों को लाभ होगा, बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों के लोगों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।